हम लोग वास्तव मे आभी भी स्वतंत्र नही हुए है हम लोग अंग्रजो से तो स्वतंत्र हो गय लेकिन वास्तव मै तो हम आभी भी अधिन है माय रावण के पाँचो विकारो काम क्रोद्ध लोभ मोह अहंकार के बस मे है स्वतंत्र होना है पाचो विकारो से एक विश्व के बापु परमात्मा हमे आजादि दिलाने आए है तो हमे आभी उनके पास जाना चाहिए
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