Saturday, September 1, 2012
दिल रूपी तख्त-नशीन ही सतयुगी विश्व के राज्य का अधिकारी
02-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 05-09-75 मधुबन
फरिश्ता स्वरूप की स्थिति
वरदान: अपने आक्यूपेशन की स्मृति द्वारा मन को कन्ट्रोल करने वाले राजयोगी भव
अमृतवेले तथा सारे दिन में बीच-बीच में अपने आक्यूपेशन को स्मृति में लाओ कि मैं राजयोगी हूँ। राजयोगी की सीटपर सेट होकर रहो। राजयोगी माना राजा, उसमें कन्ट्रोलिंग और रूलिंग पावर होती है। वह एक सेकण्ड में मनको कन्ट्रोल कर सकते हैं। वह कभी अपने संकल्प, बोल और कर्मको व्यर्थ नहीं गंवा सकते। अगर चाहते हुए भी व्यर्थ चला जाता है तो उसे नॉलेजफुल वा राजा नहीं कहेंगे।
स्लोगन: स्व पर राज्य करने वाले ही सच्चे स्वराज्य अधिकारी हैं।
Labels:
मुरलि
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
visitor
ओनलाईल पैसा कमाए
Labels
- AUDIO MURLI (1)
- DT NOVEMBER (1)
- LINK (1)
- MURLI DAWNLOAD (4)
- MURLI VIDEO (2)
- OTHER (1)
- PEACE OF MIND BY BRAHMAKUMARIS (3)
- आओ स्वयं से बाते करे (1)
- ईश्वरीय शक्तियो एंव वरदानो की आनुभुति (1)
- कुंडलीनी चक्र (1)
- कोर्स (6)
- गणेश चतुर्थी (4)
- नवरात्रि (2)
- पुरुषार्थ (1)
- बिंदु रुप की प्रेक्टिस (1)
- ब्राह्मा बाबा की विशेषताए (1)
- मुरलि (8)
- रावण=माया (2)
Total Pageviews
Ethereal theme. Powered by Blogger.
No comments:
Post a Comment